Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2018 · 1 min read

शह और मात

मैं करता हूं अक्सर बातें, आंधी और तूफान की,
अपनी कलम नीचे रखकर सोचता हूं ईमान की।
तर्क, वितर्क, कुतर्क से मैंने सदा किए ही समझौते
आग लगी जब दामन पे, सोचने लगा इंसान की।

आग, पानी, फूल और खुशबू, कब कहां सार हुए,
जो अपना जीवन हार गया, उसके गले के हार हुए।
तुम तो मौजों पर लिखते आए, सदा गीत ही बैर के,
हमने मीठे दरिया पर लिखे, मन छंदों से प्यार हुए।।

तन, मन, धन की एक कहानी, देह अंजुली खाली है
सौरभ सुमन से रीता उपवन, मन मानस माली है
एक जुआरी हारा बाजी, कह चालों की शैतानी है
शह-मात के खेल में अक्सर, सबकी कुछ नादानी है।

-सूर्यकांत द्विवेदी

Language: Hindi
479 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all
You may also like:
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय प्रभात*
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
वो दिन दूर नहीं जब दिवारों पर लिखा होगा...
वो दिन दूर नहीं जब दिवारों पर लिखा होगा...
Ranjeet kumar patre
प्रेम अब खंडित रहेगा।
प्रेम अब खंडित रहेगा।
Shubham Anand Manmeet
जय श्री राम
जय श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
गांव
गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वनिता
वनिता
Satish Srijan
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिनांक,,,11/07/2024,,,
दिनांक,,,11/07/2024,,,
Neelofar Khan
बारिश की बूँदें
बारिश की बूँदें
Smita Kumari
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
Nazir Nazar
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
मैं पढ़ता हूं
मैं पढ़ता हूं
डॉ० रोहित कौशिक
अज़ल से इंतजार किसका है
अज़ल से इंतजार किसका है
Shweta Soni
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
झूठी कश्ती प्यार की,
झूठी कश्ती प्यार की,
sushil sarna
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
शिव प्रताप लोधी
तब तात तेरा कहलाऊँगा
तब तात तेरा कहलाऊँगा
Akash Yadav
उलझन !!
उलझन !!
Niharika Verma
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
Ravi Prakash
ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार
ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"गुरु पूर्णिमा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...