शरद पूर्णिमा – 2024
शरद पूर्णिमा
अश्विन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा
16 कलाओं से परिपूर्ण शशि शरद पूर्णिमा
दीप्त रजत बरसा रही , शरद पूर्णिमा रात
नीले – नीले अंबर से , अमृत सी बरसात
गौ , क्षीर , खीर चद्रप्रभा रश्मि अमृत मिलना ,
कोजागरी , कौमुदी , रास महोत्सव मनाना ।
चटक – मटक चक्र चांदनी , चंचल चित्त चकोर
हौले-हौले हवा , ठंड का अहसास सिहरन भर
बदली – बदली सी प्रकृति , बदल रहे हालात
पंख रात के फैलते , दिवस रहे सकुचात
पर्वो की आहट हुई , सर्दी की शुरुआत
मोसम की ठंड भी , उल्हास-उमंग महारास की रात
प्रकृति , स्वास्थ्य और अध्यात्म का समागम ,
मध्य चरण माँ लक्ष्मी विचरण करती
जाग रहा उसे आरोग्यदायक ,
तन-मन-धन देती
स्वरचित – राजू गजभिये