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28 Oct 2023 · 1 min read

शरद पूर्णिमा पर्व है,

शरद पूर्णिमा पर्व है,
जो है वरद पूर्णिमा।
विष्णु जी को मनायकर,
पूजिये लक्ष्मी मां।

खीर बनाकर रात में,
रख शशिप्रभा तले।
प्रातः जो सेवन करे,
व्याधि विपद सब टले।

शरद पूर्णिमा को विधू,
सोलह कला भरपूर।
अमृत बरषे चन्द्र से,
करे निराशा दूर।

कृष्ण ने गोपियों संग में,
किया रास की लीला।
भक्तों के दुर्भाग्य पर,
गाड़ दिया था कीला।
****************
इस दिन पद्मा प्रकट हुई थी,
सागर मंथन के उपरांत।
आज चन्द्र से अमृत झरता,
चांदनी लख मन होता शांत।
कुदरत पूरी स्वागत करती,
सर्दी के आगमन हुआ।
धान की बालें झुकी झुकी सी,
लगती हैं कर रही दुआ।
हरि कृपा भक्तों पर होए,
मिट जाए सकल उदासी। मंगलकारी और अति शुभ हो,
शरद की पूर्णमासी।
-सतीश सृजन

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