शम्मा बेकसूर है ।
चलो सारे गमों को अपना लेते है।
यही बस अक्सर अपनो से सदा होते है।।1।।
मोहब्बत हमेशा ही रुलाती है।
जानें क्यूं लोग इतने सपने सजा लेते है।।2।।
मना किया था सबसे ना बोलो।
राज ना रहा जब किसी को बता देते है।।3।।
जीतना किसी एक को होता है।
अच्छे दिल वाले अपनी हार पचा लेते हैं।।4।।
हौसले के बड़े ही बुलंद होते है।
जो लोग उजड़ी बस्ती मे घर बसा लेते है।।5।।
कौन बताए परवाने को इश्क।
शम्मा बेकसूर है वो ख़ुदको जला लेते हैं।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ