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19 Aug 2020 · 1 min read

शब्द

“शब्द”
शब्दों
के जैसा
शक्तिहीन
शायद कोई नहीं
जो अपने आप को इस्तेमाल
होने से बचा नहीं पाते।
कोई भी,कभी भी कहीं भी
आबेग में
आबेश में
क्लेश में
स्वदेश में
विदेश में
अपने ज़रूरत
के मुताबिक खुद को शक्तिशाली ,
कमजोर,चालाक, होशियार
शरीफ़ ,भद्र या बदमाश
सावित कर लेते हैं
उनका
इस्तेमाल
करके
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 389 Views
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