“शब्दों का सफ़र”
“शब्दों का सफ़र”
शब्दों का सफर अजीब है
उन्हें आहें भरते देखा
शब्दों को भी जनमते
जीते और मरते देखा।
कल तक अपने हुस्न पर
अति इतराया था जिसने
उसी कलकत्ता बाम्बे और
मद्रास को मरते देखा।
“शब्दों का सफ़र”
शब्दों का सफर अजीब है
उन्हें आहें भरते देखा
शब्दों को भी जनमते
जीते और मरते देखा।
कल तक अपने हुस्न पर
अति इतराया था जिसने
उसी कलकत्ता बाम्बे और
मद्रास को मरते देखा।