शबनम
शबनम उठा के देखो नज़रों की क़ायनात,
कह रही है ये चाँदनी बस तुम्हारी ही बात!!
हर सांवली सूरत में बसी ख़्वाब और वफ़ाएँ,
जैसे ख़ुदा ने पूछी हो यूं मेरे दिल की बात!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
शबनम उठा के देखो नज़रों की क़ायनात,
कह रही है ये चाँदनी बस तुम्हारी ही बात!!
हर सांवली सूरत में बसी ख़्वाब और वफ़ाएँ,
जैसे ख़ुदा ने पूछी हो यूं मेरे दिल की बात!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”