“शतरंज के मोहरे”
“शतरंज के मोहरे”
राजनीति में पक्ष और विपक्ष शतरंज के मोहरे की तरह हैं। सत्ता हस्तान्तरण पर सुर-ताल सब कुछ बदल जाते हैं। ये कोई नई बात नहीं है। ये तो राजनीति की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। राजनीति में सन्धियाँ होती हैं। राजा नहीं मरते, मोहरे शहीद हो जाते हैं। ‘तंत्र’ के सही संचालन के लिए
‘जन’ को अपनी जमीर जिन्दा रखना चाहिए।