शक
शक है तलवार वह,
जो करती वार सभी पर,
ना किसी को जीने देती,
हर रिस्ते नाते तोड़ देती ,
यह शक
और कि बात छोड़ो ,
शक छोड़ती नही भक्त भगवान को,
शक कार्य करती जहर का,
बिना पिलाएँ हि मार डालती है,
ना जाने कितने झगड़े को
जन्म देती यह शक
शक है तलवार वह,
जो करती वार सभी पर,
ना किसी को जीने देती,
हर रिस्ते नाते तोड़ देती ,
यह शक
और कि बात छोड़ो ,
शक छोड़ती नही भक्त भगवान को,
शक कार्य करती जहर का,
बिना पिलाएँ हि मार डालती है,
ना जाने कितने झगड़े को
जन्म देती यह शक