Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2024 · 1 min read

“शक्तिशाली”

“शक्तिशाली”
तोप तलवार और बम से भी
शक्तिशाली है कलम-तंत्र,
दिखती तो छोटी सी है मगर
छुपा हुआ है जीवन-मंत्र।

2 Likes · 3 Comments · 80 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

सफर कितना है लंबा
सफर कितना है लंबा
Atul "Krishn"
*बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया (हिंदी गजल)*
*बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
संवेदना
संवेदना
संजीवनी गुप्ता
लड़कियां क्रीम पाउडर लगाकर खुद तो गोरी हो जाएंगी
लड़कियां क्रीम पाउडर लगाकर खुद तो गोरी हो जाएंगी
शेखर सिंह
आखिर वो कितना प्यार करेगा?
आखिर वो कितना प्यार करेगा?
Ankita Patel
दिल की धड़कन भी
दिल की धड़कन भी
Surinder blackpen
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
gurudeenverma198
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
गुरु कुल के प्रति गोपी छंद
गुरु कुल के प्रति गोपी छंद
guru saxena
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय*
कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर
कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर
goutam shaw
गीत- रचा तुमको दिया संसार...
गीत- रचा तुमको दिया संसार...
आर.एस. 'प्रीतम'
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
पूर्वार्थ
मोबाइल
मोबाइल
अवध किशोर 'अवधू'
निरगुन
निरगुन
Shekhar Chandra Mitra
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
SHAMA PARVEEN
बात बनती हो जहाँ,  बात बनाए रखिए ।
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
Rajesh Tiwari
हम में सिर्फ यही कमी है,
हम में सिर्फ यही कमी है,
अरशद रसूल बदायूंनी
समझ ना पाया अरमान पिता के कद्र न की जज़्बातों की
समझ ना पाया अरमान पिता के कद्र न की जज़्बातों की
VINOD CHAUHAN
“आभार और अभिनंदन”
“आभार और अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
मुक्तक 1
मुक्तक 1
SURYA PRAKASH SHARMA
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
"चांद है पर्याय हमारा"
राकेश चौरसिया
अब शुरू की है मुहब्बत की कवायद हमने
अब शुरू की है मुहब्बत की कवायद हमने
RAMESH SHARMA
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
CV रमन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस।
CV रमन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस।
Rj Anand Prajapati
”बंदगी”
”बंदगी”
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
कवि रमेशराज
Loading...