Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2018 · 1 min read

वक़्त रेत सा…

वक़्त रेत सा…
यूँ हाथों से फिसलता चला गया;
बंद मुट्ठी में भी कहाँ
रोके वो रुक पाया l

वो मुलाकतों से पैहले
की जो मुलाकतें थी ;
वो इक झलक की चाहत,
वो जुनूँन,
बस यूँ समझ लो …
बिन बारिश के बरसातें थीं l

यूँ तो यादें भी तेरी,
कुछ कम नायाब नहीं ;
पर होते जो तुम संग,
तो वक़्त पर अपना राज होता l

वो इक पल जिसमें,
सितारे हमारे हक़ में होते;
हो जाती रूहानी…
सारी कायनात,
बाहों में तेरी हम होते ;
जो होता मुमकिन,
उस वक़्त को हम वही रोक लेते l

पर वक़्त रेत सा…
“दीप” हाथों से फिसलता चला गया।।

कुलदीप कौर “दीप”

Language: Hindi
7 Likes · 3 Comments · 354 Views

You may also like these posts

मौन की भाषा
मौन की भाषा
Ritu Asooja
स्व अधीन
स्व अधीन
Kirtika Namdev
लक्ष्य
लक्ष्य
Sanjay ' शून्य'
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
sushil sarna
याद आती हैं मां
याद आती हैं मां
Neeraj Agarwal
"ये कैसा जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
जीव के मौलिकता से परे हो,व्योम धरा जल त्रास बना है।
जीव के मौलिकता से परे हो,व्योम धरा जल त्रास बना है।
दीपक झा रुद्रा
वहशतें
वहशतें
Kunal Kanth
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
gurudeenverma198
4317.💐 *पूर्णिका* 💐
4317.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हार नहीं जाना
हार नहीं जाना
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय*
पारिवारिक व्यथा
पारिवारिक व्यथा
Dr. P.C. Bisen
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
goutam shaw
दोहा
दोहा
Dinesh Kumar Gangwar
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
Shashi kala vyas
मेरा देश , मेरी सोच
मेरा देश , मेरी सोच
Shashi Mahajan
मन ये मुस्कुराए
मन ये मुस्कुराए
Shinde Poonam
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पहले से
पहले से
Dr fauzia Naseem shad
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
ललक लालसा और लालच
ललक लालसा और लालच
Nitin Kulkarni
धरती का स्वर्ग
धरती का स्वर्ग
राकेश पाठक कठारा
मज़दूर कर रहे काम, कोयलों की खानों में,
मज़दूर कर रहे काम, कोयलों की खानों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जीवन साँझ -----
जीवन साँझ -----
Shally Vij
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
sushil sharma
सही ग़लत का फैसला....
सही ग़लत का फैसला....
SATPAL CHAUHAN
Loading...