Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

धरती का स्वर्ग

खूबसूरत वन
जिसके बीच सड़क बनीं है
सड़क के दोनों ओर पहाड़ हैं
आगे जाने पर झरना
जिससे पानीं बह रहा है
स्नान करने की कामना होती है
पीपल की एक डाल पर
कोयल कूक रही है
एक हिरण भाग रहा है
जिसके पीछे शेर है
धरती पर हरी हरी घास है
पहाड़ पर बड़ा सा पत्थर है
जिस पर बैठ कर खूबसूरत दृश्य
देखती रह जाती हैं आंखें अपलक
मन शांत है , शरीर स्थिर है
समीप में एक खेत है
जिस पर युवती के खुले केशों की भांति
फसल लहरा रही है
खेत के किनारे एक झोपड़ी है
झोपड़ी में किसान है
झोपड़ी के पास खूंटे में दो गाय बंधीं हैं
मानों कामधेनु हों
ऐसा सुख, ऐसी शांति पाने वाले धन्य हैं
शायद यही है धरती का स्वर्ग

Language: Hindi
19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
Rj Anand Prajapati
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
'अशांत' शेखर
अहाना छंद बुंदेली
अहाना छंद बुंदेली
Subhash Singhai
मेरे वतन मेरे वतन
मेरे वतन मेरे वतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
वो साँसों की गर्मियाँ,
वो साँसों की गर्मियाँ,
sushil sarna
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यह मत
यह मत
Santosh Shrivastava
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
गुमनाम 'बाबा'
*चलता रहता है समय, ढलते दृश्य तमाम (कुंडलिया)*
*चलता रहता है समय, ढलते दृश्य तमाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
3032.*पूर्णिका*
3032.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
धीरज रख ओ मन
धीरज रख ओ मन
Harish Chandra Pande
"*पिता*"
Radhakishan R. Mundhra
लोग शोर करते रहे और मैं निस्तब्ध बस सांस लेता रहा,
लोग शोर करते रहे और मैं निस्तब्ध बस सांस लेता रहा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक
रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक
श्रीकृष्ण शुक्ल
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
Shashi kala vyas
जिंदगी भर की कहानी यही है
जिंदगी भर की कहानी यही है
Shweta Soni
अमृत महोत्सव आजादी का
अमृत महोत्सव आजादी का
लक्ष्मी सिंह
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
कवि दीपक बवेजा
नव उल्लास होरी में.....!
नव उल्लास होरी में.....!
Awadhesh Kumar Singh
मेरी मां।
मेरी मां।
Taj Mohammad
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
Neelofar Khan
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ना मानी हार
ना मानी हार
Dr. Meenakshi Sharma
Loading...