“व्यथा”
“व्यथा”
अपने युग की हर सीता को
शोलों पर बिठाया जाता है,
दामन कितना ही पावन हो
पर दोष लगाया जाता है।
“व्यथा”
अपने युग की हर सीता को
शोलों पर बिठाया जाता है,
दामन कितना ही पावन हो
पर दोष लगाया जाता है।