Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
कवि विपिन शर्मा
9 Followers
Follow
Report this post
18 Jan 2018 · 1 min read
व्यंग्य
दाएँ को बायाँ ही बताया करते हैं।
दर्पण भी सच कहाँ दिखाया करते हैं।।
-विपिन शर्मा
Language:
Hindi
Tag:
तेवरी
Like
Share
252 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
समय जो चाहेगा वही होकर रहेगा...
Ajit Kumar "Karn"
श्रीकृष्ण
Raju Gajbhiye
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
कवि दीपक बवेजा
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
गुमनाम 'बाबा'
🙅भूलना मत🙅
*प्रणय*
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
कृष्णकांत गुर्जर
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
Dr. ADITYA BHARTI
प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4772.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अरे...
पूर्वार्थ
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
हाजीपुर
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
इंतज़ार करने की लत
Chitra Bisht
वो खफा है ना जाने किसी बात पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"कला"
Dr. Kishan tandon kranti
निकलती हैं तदबीरें
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
Manoj Mahato
To my dear Window!!
Rachana
आह
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मुक्तक
sushil sarna
Loading...