व्यंग्य रचना
——-ग़ज़ल——
कल तुम्हारे घर भी नेता जाएगा
प्यार से फिर हाल पूछा जाएगा
वोट की खातिर —–सुनों ऐ दोस्तों
हाथ जोड़ा——पाँव चूमा जाएगा
पाँच सालों तक न ली जिसने ख़बर
हर कोई अब उनसे पूजा जाएगा
इस दफ़ा दिन अच्छे आएँगे यहाँ
ये यक़ी सबको दिलाया जाएगा
सोच कर अब — वोट करना है हमें
झूठ से पर्दा ——– हटाया जाएगा
ग़फ़लतों सेअब निकल “प्रीतम” ज़रा
वरना फिर धोख़ा यहाँ खा जाएगा
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)