Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2020 · 1 min read

व्यंग्यबाण

चमचों ने चमचे को कर दिया बदनाम
चमचे उड़ा रहे हैं माल
चमचा है बेहाल
चमचा बढ़ा परोपकारी है
खोलते तेल में जलता है
हलवा पूरी तलता है
उबलते दूध में तैर कर खीर बनाता है
लाल-लाल भट़टी में कूदकर मनभावन पकवान बनाता है
खुद जलकर दूसरों को सुख पहुंचाता है
लेकिन चमचों के कारनामों से बदनाम हो जाता है बदनाम हो जाता है
चम्मच का भी यही हाल है
बह भी बढ़ी बेहाल है चम्मच
बड़ी आज्ञाकारी है
चांदी की हो या स्टील की
दाल चावल हो या रसमलाई
सबको पेट तक पहुंचाती है
लेकिन चमचियों के कारण
चम्मच भी सहम जाती है

Language: Hindi
10 Likes · 4 Comments · 451 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अन्न पै दाता की मार
अन्न पै दाता की मार
MSW Sunil SainiCENA
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
gurudeenverma198
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
जाने इतनी बेहयाई तुममें कहां से आई है ,
जाने इतनी बेहयाई तुममें कहां से आई है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बिखरे सपने
बिखरे सपने
Kanchan Khanna
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
Bidyadhar Mantry
💐प्रेम कौतुक-375💐
💐प्रेम कौतुक-375💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
पितर
पितर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
Mahender Singh
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
Basant Bhagawan Roy
दिल को समझाने का ही तो सारा मसला है
दिल को समझाने का ही तो सारा मसला है
shabina. Naaz
..........अकेला ही.......
..........अकेला ही.......
Naushaba Suriya
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
Keshav kishor Kumar
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
Subhash Singhai
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
ज़िंदगी इम्तिहान
ज़िंदगी इम्तिहान
Dr fauzia Naseem shad
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
manjula chauhan
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
2567.पूर्णिका
2567.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
Radhakishan R. Mundhra
देश के युवा करे पुकार, शिक्षित हो हमारी सरकार
देश के युवा करे पुकार, शिक्षित हो हमारी सरकार
Gouri tiwari
"सदियों का सन्ताप"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...