व्यंग्यबाण
चमचों ने चमचे को कर दिया बदनाम
चमचे उड़ा रहे हैं माल
चमचा है बेहाल
चमचा बढ़ा परोपकारी है
खोलते तेल में जलता है
हलवा पूरी तलता है
उबलते दूध में तैर कर खीर बनाता है
लाल-लाल भट़टी में कूदकर मनभावन पकवान बनाता है
खुद जलकर दूसरों को सुख पहुंचाता है
लेकिन चमचों के कारनामों से बदनाम हो जाता है बदनाम हो जाता है
चम्मच का भी यही हाल है
बह भी बढ़ी बेहाल है चम्मच
बड़ी आज्ञाकारी है
चांदी की हो या स्टील की
दाल चावल हो या रसमलाई
सबको पेट तक पहुंचाती है
लेकिन चमचियों के कारण
चम्मच भी सहम जाती है