Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

वो

एक मुकम्मल जहांन सा है , वो
सारी दुनियां से कुछ जुदा है ,वो

कितने दिल उसपे आज मरते हैं
जाने क्यूँ मुझ पे ही फ़िदा ,है वो

उसको इंकार करती जाऊ , मैं
कब से राहों में ही खड़ा है ,वो

मेरी हर बात जिसको ,भाती है
ऐसा अल्हड़ सा सिरफिरा है, वो।

हर घडी जिक्र मेरा करता है
यूँ ख़्यालो में गुमशुदा है , वो।

बड़ी पाकीज़ा सी मुहब्बत है
मेरे दिल में उतर रहा है, वो।

Language: Hindi
1 Like · 501 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जान लो पहचान लो
जान लो पहचान लो
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
DrLakshman Jha Parimal
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Shyam Sundar Subramanian
भाव और ऊर्जा
भाव और ऊर्जा
कवि रमेशराज
पग पग पे देने पड़ते
पग पग पे देने पड़ते
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
कहमुकरी छंद विधान (सउदाहरण)
कहमुकरी छंद विधान (सउदाहरण)
Subhash Singhai
तुम्हारा चश्मा
तुम्हारा चश्मा
Dr. Seema Varma
2751. *पूर्णिका*
2751. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहे
दोहे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रणय 9
प्रणय 9
Ankita Patel
💐Prodigy Love-21💐
💐Prodigy Love-21💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"हंस"
Dr. Kishan tandon kranti
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
Phool gufran
" तिलिस्मी जादूगर "
Dr Meenu Poonia
■ आज नहीं अभी 😊😊
■ आज नहीं अभी 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य सनातन गीत है गीता
सत्य सनातन गीत है गीता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
shabina. Naaz
काग़ज़ ना कोई क़लम,
काग़ज़ ना कोई क़लम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अपनी सूरत
अपनी सूरत
Dr fauzia Naseem shad
- रिश्तों को में तोड़ चला -
- रिश्तों को में तोड़ चला -
bharat gehlot
सफर में जब चलो तो थोड़ा, कम सामान को रखना( मुक्तक )
सफर में जब चलो तो थोड़ा, कम सामान को रखना( मुक्तक )
Ravi Prakash
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ? (हास्य कविता)
कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ? (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
Loading...