Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#13 Trending Author
Dr. Kishan tandon kranti
279 Followers
Follow
Report this post
16 Sep 2024 · 1 min read
“वो शब्द क्या”
“वो शब्द क्या”
वो शब्द क्या
जिसमें कोई धार न हो,
जो जिगर के पार न हो।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 35 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
भीड से निकलने की
Harminder Kaur
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी पसंद तो बस पसंद बनके रह गई उनकी पसंद के आगे,
जय लगन कुमार हैप्पी
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*मौन की चुभन*
Krishna Manshi
सफल सिद्धान्त
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
Interest
Bidyadhar Mantry
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
लिखा भाग्य में रहा है होकर,
पूर्वार्थ
मैं कौन हूँ
Chaahat
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
कुछ पल
Mahender Singh
भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है
कवि दीपक बवेजा
ये रब की बनाई हुई नेमतें
Shweta Soni
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
पुष्पेन्द्र पांचाल
बड़ा कौन
Sanjay ' शून्य'
3459🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुलाज़िम सैलरी पेंशन
Shivkumar Bilagrami
संसार का स्वरूप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
रिश्ते रेशम डोर से,
sushil sarna
Loading...