Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2024 · 1 min read

“वो शब्द क्या”

“वो शब्द क्या”

वो शब्द क्या
जिसमें कोई धार न हो,
जो जिगर के पार न हो।

2 Likes · 2 Comments · 35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
भीड से निकलने की
भीड से निकलने की
Harminder Kaur
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी पसंद तो बस पसंद बनके रह गई उनकी पसंद के आगे,
मेरी पसंद तो बस पसंद बनके रह गई उनकी पसंद के आगे,
जय लगन कुमार हैप्पी
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*मौन की चुभन*
*मौन की चुभन*
Krishna Manshi
सफल सिद्धान्त
सफल सिद्धान्त
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
लिखा भाग्य में रहा है होकर,
लिखा भाग्य में रहा है होकर,
पूर्वार्थ
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
मेरी माँ
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
‌‌भक्ति में शक्ति
‌‌भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है
धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है
कवि दीपक बवेजा
ये रब की बनाई हुई नेमतें
ये रब की बनाई हुई नेमतें
Shweta Soni
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
पुष्पेन्द्र पांचाल
बड़ा कौन
बड़ा कौन
Sanjay ' शून्य'
3459🌷 *पूर्णिका* 🌷
3459🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुलाज़िम सैलरी पेंशन
मुलाज़िम सैलरी पेंशन
Shivkumar Bilagrami
संसार का स्वरूप
संसार का स्वरूप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
रिश्ते रेशम डोर से,
रिश्ते रेशम डोर से,
sushil sarna
Loading...