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11 Feb 2021 · 1 min read

वो प्यार नहीं है

बंध जाए तारीखों में वो प्यार नहीं है
करना पड़े इज़हार तो वो प्यार नहीं है
प्यार कहां बंधा करता तारीखों में
प्यार कहां रुका करता तारीखों में
प्यार सदा झरने सा अविरल बहता है
आंखों से ही बिना कहे सब कहता है
प्यार कब सुख पाया करता तारीफों में
प्यार कब झुक जाया करता तारीफों में
जो खुद ही सुख पा जाए वो प्यार नहीं है
दूजे को दुख दे जाए वो तो प्यार नहीं है
प्यार का चाहे कभी भी न इज़हार करो
पर करो तो दिल से इक सच्चा प्यार करो

अशोक सोनी
भिलाई ।

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 282 Views
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