Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2023 · 1 min read

वो निरंतर चलता रहता है,

वो निरंतर चलता रहता है,
किसी के जाने का क्षणिक दुख,
किसी से मिलन का क्षणिक सुख,
ये जीवन है- बस चलता ही रहता है।

1 Like · 589 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
वटसावित्री
वटसावित्री
Rambali Mishra
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
विवाह
विवाह
Shashi Mahajan
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
sushil sarna
ज़िन्दगी दर्द का
ज़िन्दगी दर्द का
Dr fauzia Naseem shad
"संवेदना"
Dr. Kishan tandon kranti
माॅ प्रकृति
माॅ प्रकृति
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
इस जनम में तुम्हें भूल पाना मुमकिन नहीं होगा
इस जनम में तुम्हें भूल पाना मुमकिन नहीं होगा
शिव प्रताप लोधी
ચાલો લડીએ
ચાલો લડીએ
Otteri Selvakumar
मुलाकात
मुलाकात
Ruchi Sharma
4297.💐 *पूर्णिका* 💐
4297.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शिकायत
शिकायत
Ruchika Rai
उदास
उदास
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राहे सफर साथी
राहे सफर साथी
Sudhir srivastava
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
बढ़ जाएगी
बढ़ जाएगी
Arvind trivedi
जवानी
जवानी
Pratibha Pandey
खबरदार होना चाहिए
खबरदार होना चाहिए
Ghanshyam Poddar
दिल टूट गईल
दिल टूट गईल
Shekhar Chandra Mitra
सुबह-सुबह की लालिमा
सुबह-सुबह की लालिमा
Neeraj Agarwal
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सफ़र ख़ामोशी का
सफ़र ख़ामोशी का
हिमांशु Kulshrestha
वे रिश्ते आजाद
वे रिश्ते आजाद
RAMESH SHARMA
यूं जो देख मुझे अब मुंह घुमा लेती हो
यूं जो देख मुझे अब मुंह घुमा लेती हो
Keshav kishor Kumar
#शून्य कलिप्रतिभा रचती है
#शून्य कलिप्रतिभा रचती है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सावन आने को है लेकिन दिल को लगता है पतझड़ की आहट है ।
सावन आने को है लेकिन दिल को लगता है पतझड़ की आहट है ।
Ashwini sharma
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
SHAMA PARVEEN
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
स्कूल चलो
स्कूल चलो
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...