Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
277 Followers
Follow
Report this post
15 Sep 2024 · 1 min read
“वो दौर”
“वो दौर”
वो दौर अब गुजर गया
जब घने बादलों के पीछे
चाँद तन्हा होते थे।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 41 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
बकरा नदी अररिया में
Dhirendra Singh
जिन्दगी ने आज फिर रास्ता दिखाया है ।
Ashwini sharma
नई रीत विदाई की
विजय कुमार अग्रवाल
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
पत्नी के डबल रोल
Slok maurya "umang"
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
Ajit Kumar "Karn"
"ढिठाई"
Dr. Kishan tandon kranti
बुद्ध पूर्णिमा विशेष:
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है
gurudeenverma198
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
Pramila sultan
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
Phool gufran
जिंदगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए
शेखर सिंह
ना जाने क्यों ?
Ramswaroop Dinkar
अनुसंधान
AJAY AMITABH SUMAN
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
परिदृश्य
Vivek Pandey
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
Shashi kala vyas
प्रतियोगिता के जमाने में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Unrequited
Vedha Singh
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेवरी
कवि रमेशराज
गंगा मैया
Kumud Srivastava
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
अलविदा कह कर दिल टूट गया....
Surya Barman
आजकल की दुनिया जितने वाले हौसला बढ़ाते है लेकिन मैं हारने वा
रुपेश कुमार
3549.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Agarwal
■ मिथक के विरुद्ध मेरी सोच :-
*प्रणय प्रभात*
Loading...