Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

“वो दौर”

“वो दौर”
वो दौर अब गुजर गया
जब घने बादलों के पीछे
चाँद तन्हा होते थे।

2 Likes · 2 Comments · 13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
Sushila joshi
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
Sonam Puneet Dubey
"रंग अनोखा पानी का"
Dr. Kishan tandon kranti
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
Otteri Selvakumar
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
3307.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3307.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Tum ibadat ka mauka to do,
Tum ibadat ka mauka to do,
Sakshi Tripathi
मेरी शान तिरंगा है
मेरी शान तिरंगा है
Santosh kumar Miri
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
नेताम आर सी
अरमान
अरमान
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
Friendship day
Friendship day
Neeraj kumar Soni
■ अब भी समय है।।
■ अब भी समय है।।
*प्रणय प्रभात*
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
जिंदगी हमने जी कब,
जिंदगी हमने जी कब,
Umender kumar
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
Rachana
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
Atul "Krishn"
खुश रहने की कोशिश में
खुश रहने की कोशिश में
Surinder blackpen
*आए सदियों बाद हैं, रामलला निज धाम (कुंडलिया)*
*आए सदियों बाद हैं, रामलला निज धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुपथ कपट भारी विपत🙏
कुपथ कपट भारी विपत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
©️ दामिनी नारायण सिंह
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Raju Gajbhiye
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
gurudeenverma198
हर हक़ीक़त को
हर हक़ीक़त को
Dr fauzia Naseem shad
दिल पे पत्थर ना रखो
दिल पे पत्थर ना रखो
shabina. Naaz
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
Sunil Maheshwari
रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ
रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई
Basant Bhagawan Roy
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
पूर्वार्थ
Loading...