“वो दिन दूर नहीं”
“वो दिन दूर नहीं”
वो दिन अब दूर नहीं
जब जज्बातों को समझने के
आँखों के इशारों के
मतलबों के जानने के
शरीर की मुद्राओं का अर्थ
भाँपने को भूलने के
अभ्यस्त हो जाएगा इंसान,
अपनी भाषाएँ भी खो देंगे
शायद आने वाले कल के जवान।