वो दिन कभी ना आएगा
वो दिन कभी ना आएगा,
जब सब अच्छा हो जायेगा।
अपने जीवन की खुशियों को,
तू कल में कभी ना पायेगा।
वो दिन कभी ना आएगा,
जब सब अच्छा हो जायेगा।
जो करना हो वो कर लो आज,
इस वर्तमान में कर लो राज।
ये जीवन एक उपहार मिला,
इस बात पर तू कर के नाज।
ये वक़्त कंही जो निकल गया,
बस हाँथ मलता रह जायेगा।
वो दिन कभी ना आएगा,
जब सब अच्छा हो जायेगा।
एक दिन छोड़ ये जग जाना है,
इस बात से तू क्यों अनजाना है।
छूट यंही पर सब जायेगा तब,
फिर क्या खोना और क्या पाना है।
सपनो का अम्बार लगा है,
तू कितनो को पूरा कर पायेगा।
वो दिन कभी ना आएगा,
जब सब अच्छा हो जायेगा।
हर पल है जीवन बीत रहा,
मुठ्ठी में जैसे बहती रेत।
जीवन के अंतिम छण में तब,
अपना तन जैसे बंजर खेत।
खुशियों का बीज तू बो ले अब,
फिर कुछ ना वंहा उग पायेगा।
वो दिन कभी ना आएगा,
जब सब अच्छा हो जायेगा।
ये मृत्यु नहीं कोई अंत भला,
नव आरम्भ का आगाज है ये।
डर कर मत बैठो तुम इससे,
मीठी नींदों का साज है ये।
एक बार ये दुनिया छोड़ गए,
तू लौट यंहा फिर आएगा।
वो दिन कभी ना आएगा,
जब सब अच्छा हो जायेगा।