वो तेरा अहले दिल वो तेरा हुजूर देखूँ
वो तेरा अहले दिल वो तेरा हुजूर देखूँ
जो अब मिला है मेरे बदले जरूर देखूँ
हरगिज़ नहीं झुकेंगे कहते थे ज़िदगी में
कितना बचा है उनका अब तक गुरूर देखूँ
रहता नहीं कोई भी अब तज़्किरा तुम्हारा
किसका गुनाह था और किसका कुसूर देखूँ
कोई बता रहा था शादी करा ली उसने
अच्छा हुआ चलो मैं भी कोई हूर देखूँ
घुटनों पे आ गिरे हैं ‘सागर’ रकीब तेरे
इस आइने में कोई अब कोहिनूर देखूँ