वो चैन की नींद सो गए
वो चैन की नींद सो गए
और उनसे हम बातें करने को तरसते रहे..
कोई अपनी सपनो मे खो गया,
और किसी की आँखें बरसते रहे…
कहीं ऐसा ना हो की देर हो जाए,
हमारी आँखों के सामने सबकुछ अंधेर हो जाए
तुम रोकना तो चाहोगे बहुत हमें,
और यम के बस मे हमारा शरीर हो जाए
—– दिवाकर महतो—–