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15 Nov 2023 · 1 min read

भगण के सवैये (चुनाव चक्कर )

चुनाव चक्कर
भगण के सवैये
मत्तगयन्द,मदिरा,चकोर,
अरसात,किरीट
****************
मत्तगय॔द
जो तुम नेक रहे दिल के फिर,
दीख पड़े नहिं मावस चंदा ।

आप करी करतूत बड़ी निकलो
घर माँहिं विशेष पुलंदा ।

जान गई जनता सबही रस
गोरस वोट बना लिया धंदा ।

खूब फसे अब नांहि फसें चह
डारहु केतिक बातन फंदा ।
×××××××××××××
मदिरा
छोड़ दियो अपने दल को तुम,
आज अचानक चित्त फटा ।

गाज समान गिरे दल पै
घिर लीन्ह विरोध कुचाल घटा।

स्वारथ है पद का मन में,
जन जीवन ध्यान विशेष हटा।

कारण और नहीं कुछ भी बस
कारण नाम तुम्हार कटा ।

चकोर सवैया
जनता की सोच
××××××××××
जान गई जनता सिगरी,
अब बांटत कंबल नोट नरायन

बादल जो बरसे न कभी अब
तो बरसावत बंफर बायन ।

वोट बटोरन घूम रहे तज,
कार अभी चल पाँयन पाँयन ।

जोड़त हाथ नवाकर माथ
निपोरत दांत दिखाय लुभायन।

अरसात 24
7भगण 1 रगण
**************
कौन चुने किसको इसके सब,
खास मिले अधिकार विधान में।

जाति समाज नहीं कुछ भेद,
किया सबको रख एक समान में।

लोकसभा व विधान सभा सब
वोट बनाय रखो यह ध्यान में।

मूरख से अति मूरख है वह ,
भाग न ले नर जो मतदान में।

किरीट 24
8भगण
दीन गरीब पड़े किस हाल,
लखे उनको उनके घर जाकर।

ढाढस दे सुधि लेत बराबर,
पोंछत अश्रु सदा समझा कर।

भूलत नांहि मिला जिससे पद,
नेह निभाय गुरू अपनाकर ।

जो सबके हित काम करे वह,
हासिल जीत करे फिर आकर।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
15/11/23

Language: Hindi
177 Views

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