श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
- सबको एकल जिंदगी चाहिए -
प्रिय सुधि पाठको, ये रचना मात्र रचना नहीं है एक ज्वलंत विचार
दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
Noone cares about your feelings...
गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*हाले दिल बयां करूं कैसे*
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....