वो औरत है उसके लिए सब आसान है
वो औरत है उसके लिए सब आसान है……. १//
क्योंकि उसके हौसले उसकी जान है
कभी घर छोड़ा कभी प्रेमी कभी छोड़ दिया परिवार
ग़म सहे और हँसते हँसते बना बैठी संसार
हर कदम पर करती अपनी अल्पना कुर्बान है
वो औरत है उसके लिए सब आसान है………..२//
बेटी बनकर घर सम्भालती
माँ बनकर सन्तान पालती
फ़िर भी जो उसे कमजोर समझते वो नादान है
वो औरत है उसके लिए सब आसान है…………३//
लाख रुकावट सहकर वो पढ़ाई करती
चंडी बनकर अस्मिता के लिए लड़ाई लड़ती
क्योंकि उसका चरित्र ही उसका असली अभिमान है
वो औरत है उसके लिए सब आसान है……….. ४//
वह भी सपनों के पंख सजाती है
रिश्ते बचाती है, घर में सामंजस्य बिठाती है
तब जाकर कहीं गार्गी और सुनीता बन पाती है
सिर्फ चौका चूल्हा करेगी , ये कहना उनका अपमान है
वो औरत है उसके लिए सब आसान है……………५//
समानता नहीं बल्कि ज्यादा की हकदार हैं
जितना वो सहती है उसका हर मर्द कर्जदार है
फ़िर भी अगर चुप रहती है तो वो सच में महान है
वो औरत है उसके लिए सब आसान है…………६//
हमारे जीवन के हर पल में वो सहयोगी है
कष्ट हमे हो या उसे हर हाल में वही भोगी है
पर ख्याल उसका हम रखे आखिर वो भी तो इंसान है
वो औरत है उसके लिए सब आसान है………….७//
~ Poetry By Satendra