~ वो इश्क़ रूहानी लिखो ~
एक हमारे भी इश्क़ की कहानी लिखो ना
कहा अनकहा सब ज़ुबानी लिखो ना,,
लफ्ज़ लफ्ज़ जो मोहब्बत की दांस्ता बताए
नज़्म कुछ इस कदर, रूमानी लिखो ना,,
खोए ऐसे दोनो एक दूसरे में, कोई तलाश न कर पाए
खुदा को भी रंज हो जाए, कुछ गुमानी लिखो ना,,
सदियों से जाने कितने इश्क़ के किस्से सुने है
तुम भी कुछ वैसी ही मोहब्बत, पहचानी लिखो ना,,
क्यों तलाशते है सब आंखों में झील कोई
मेरी आँखों मे छुपे आंसू को, तुम पानी लिखो ना,,
एक अमिट सी छाप दे गया है तू मेरे दिल में
जो युगों तक कायम रहे, वो निशानी लिखो ना,,
ज़िस्म तो जल के एक दिन खाक ही होना है
जिस्मों से परे जो इश्क़ है, वो इश्क़ रूहानी लिखो ना