वो आसमां था लेकिन खुद सिर झुकाकर चलता था। करता तो बहुत कुछ था अपने देश के लिए पर मौन रहता था।
सरहदों के बंटवारों में छोड़ आया जो जिन्ना का देश।
अमृतसर भारतभूमि से जोड़ा नाता विशेष।
कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटियों से लिए शिक्षा दीक्षा।
डिफिल,इकनॉमिक से किए
पी एच डी।
राजीव गांधी के प्लानिंग कमीशन में रहे।
1991 में वित्त मंत्री रहते हुए देश को आर्थिक संकटों से उदारीकरण कर बचाया।
RBI के गवर्नर भी रहे ।
भले बोलते थे कम।
पर उनमें बहुत खास हुनर भी थे।
सीधा साधारण सी जीवनशैली।
कभी भी किसी स्वर्णिम काम का श्रेय उन्होंने स्वयं न ली।
चाहे हो शिक्षा का अधिकार,सूचना का अधिकार या मनरेगा, आधार कार्ड।
कभी भी खुद के लिए उन्होंने नहीं मांगा अवार्ड।
एक छोटी सी गाड़ी मारुति 800 को ही खुद की गाड़ी कहा।
BMW जैसी भोगविलासी गाड़ियों से परहेज किया।
एक छोटे से मकान में रहे।
सोशल मीडिया के चकाचौंध से दूर रहे।
जिनके शासनकाल में महंगाई उनके पगड़ियों के नीचे रही।
लगे भ्रष्टाचार के कई आरोप जब उनके ही मंत्रियों पर।
तो खामोश रहकर उन्होंने यह दर्शाया ।
जिन्होने जैसा किया है वैसा ही दंड पाया।
नमन है ऐसे निष्पक्ष धर्मनिरपेक्ष महान अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह जी को।
वो आसमां था लेकिन खुद सिर झुकाकर चलता था।
करता तो बहुत कुछ था अपने देश के लिए पर मौन रहता था।
दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार हुआ।
एक ऐसे प्रधामनंत्री जिन्होंने भारत के सपनों को साकार किया।
शेरों शायरियों के शौकीन गाने के भी थे जो मुरीद।
भूखे पेट रहते हुए जिन्होंने सब्सिडी के खाने खाकर की पढ़ाई।
इस देश की खातिर उन्होंने पूरा जी जान लगाई।
आर्थिक तंगी से लड़ी जंग जिनके निधन पर भाजपा सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया।
श्रद्धा सुमन अर्पित ऐसे देश के नायक को।
माथा टेक के नमन करते है।
ऐसी शख्सियत सदियों में एक बार जन्म लेते है।
RJ Anand Prajapati
RJ Anand Prajapati