“वो अकेली घड़ी”
“वो अकेली घड़ी”
रात के सन्नाटे में वो अकेली घड़ी हर सेकण्ड के बीतने की याद दिलाती है। पेण्डुलम की आवाज टिक-टिक करती है। और, प्रत्येक ध्वनि के साथ जीवन का एक सेकण्ड कम हो जाता है।
“वो अकेली घड़ी”
रात के सन्नाटे में वो अकेली घड़ी हर सेकण्ड के बीतने की याद दिलाती है। पेण्डुलम की आवाज टिक-टिक करती है। और, प्रत्येक ध्वनि के साथ जीवन का एक सेकण्ड कम हो जाता है।