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2 Aug 2023 · 1 min read

वैर भाव

वही पुरानी लीक पर चल कर तुम
बातों को कब तक यूॅं कुटते रहोगे
अपने में ही सदा लड़ लड़ कर तुम
आपस में कब तक यूॅं फूटते रहोगे
सब दिन विभिन्न जातियों में तुम
अपने मन ही मन बॅंटते रहते हो
बात बात में हुई छोटी लड़ाई पर
तुम बिना कारण कटते रहते हो
बेहतर है इस बात को हमेशा मानो
देश सेवा करना है सबसे बड़ा धर्म
मानवता की सेवा करने से बड़ा
दुनिया में नहीं है कोई बड़ा कर्म
आपस में इस तरह मतभेद होने से
एकता का बल कभी नहीं आएगा
सब दिन इस तरह तनाव में रहने से
विकास भी कहीं पीछे छूट जाएगा
साथ रहकर भी आपस में वैर भाव
अपने मन में कभी भी मत पालो
कोशिश जितनी भी तुमसे हो सके
झूठ मूठ की बातों को हरदम टालो

Language: Hindi
2 Likes · 165 Views
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