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31 Jan 2024 · 1 min read

यक्षिणी- 21

वे बातें कर रहे हैं
यक्षिणी की
मगर ब्याज में

पान कर रहे हैं वे
मिथक के मियां की तरह
पानी डूब के
यक्षिणी के रूप-यौवन का

गले में कांटा फंसाने की उनके
जरूरी जिम्मेदारी पर हूँ
निगहबानी जरूरी है

उधार चुकता करने की तरह
कुछ चुकता करना जरूरी होता है
स्वतः पहल कर
या कि
सुओ-मोटो!

Language: Hindi
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