Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2016 · 1 min read

वेश्या

दिन में उसकी गली बदनाम रहती है, रात को रहती है आबाद,
देकर चंद खुशियाँ दूसरों को अपनी जिंदगी कर रही है बर्बाद।

दूसरों के तन की भूख मिटाती है वो पेट की आग बुझाने को,
क्यों बनी वो वेश्या, कोई नहीं जानना चाहता है उसके हालात।

जो समाज के ठेकेदार कोसते हैं उसे वो ही जाते हैं उसके पास,
नोचते हैं उसके बदन को भूखे भेड़िये के जैसे सारी सारी रात।

जिसके कदमों को बताते हैं अपवित्र समाज के ठेकेदार अक्सर,
वो ही रात में गिर उनके कदमों पर करते हैं प्यार की फरियाद।

लगाते हैं उसकी मजबूरी में उसके तन का मोल ये ठेकेदार ही,
करके इज्जत को उसकी तार तार कहते हैं ये ही तेरी औकात।

इन शाहपुरुषों की महफ़िलों की रौनक बनती है वो अक्सर,
बाहों लेकर सोते वक़्त कोई नहीं पूछता मजहब और जात।

गंदी वो नहीं, गंदी है सोच तथाकथित समाज के ठेकेदारों की,
इतने चढ़ा रखे हैं मुखौटे चेहरे पर होती नहीं खुद से मुलाक़ात।

मर्दानगी उसके संग सोने में नहीं, उसे दलदल से निकालने है,
दूर करनी होगी मजबूरी उसकी, समझने होंगे उसके जज्बात।

उनके प्रति अपनी सोच बदलनी होगी हमें बदलाव लाने के लिए,
सुलक्षणा करके मान सम्मान उसका, करें हम एक नई शुरुआत।

©® #डॉ_सुलक्षणा_अहलावत

509 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
पता नहीं किसने
पता नहीं किसने
Anil Mishra Prahari
2507.पूर्णिका
2507.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-337💐
💐प्रेम कौतुक-337💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कभी भी ऐसे व्यक्ति को,
कभी भी ऐसे व्यक्ति को,
Shubham Pandey (S P)
ताकि वो शान्ति से जी सके
ताकि वो शान्ति से जी सके
gurudeenverma198
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
दूसरों को खरी-खोटी सुनाने
दूसरों को खरी-खोटी सुनाने
Dr.Rashmi Mishra
प्रणय 9
प्रणय 9
Ankita Patel
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
साँझ ढली पंछी चले,
साँझ ढली पंछी चले,
sushil sarna
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
Ravi Prakash
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
"हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा
आर.एस. 'प्रीतम'
दो सहोदर
दो सहोदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अज़ाँ दिलों की मसाजिद में हो रही है 'अनीस'
अज़ाँ दिलों की मसाजिद में हो रही है 'अनीस'
Anis Shah
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ये चांद सा महबूब और,
ये चांद सा महबूब और,
शेखर सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
श्रद्धा के सुमन ले के आया तेरे चरणों में
श्रद्धा के सुमन ले के आया तेरे चरणों में
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अंतरिक्ष में आनन्द है
अंतरिक्ष में आनन्द है
Satish Srijan
करूँ तो क्या करूँ मैं भी ,
करूँ तो क्या करूँ मैं भी ,
DrLakshman Jha Parimal
विपक्ष ने
विपक्ष ने
*Author प्रणय प्रभात*
"कहानी मेरी अभी ख़त्म नही
पूर्वार्थ
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
Loading...