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13 May 2024 · 1 min read

वृद्धाश्रम

अफसरों,न्यायाधीशों,शिक्षकों ने
कामयाब व्यापारियों,दानवीरों ने
व्यस्त और मस्त दयालु पीढ़ियों ने
अरबपति बिल्डर्स और ज़मींदारों ने
ऊँचे कलाकारों और छायाकारों ने
अमीरों और वज़ीरों ने
बुज़ुर्गों की सेवा के लिए
बनाए हैं ये सब वृद्धाश्रम

ग़रीबों,नाकामयाबों
रेहड़ी वालों,पटरी वालों
रिक्शा वालों,ड्राइवरों,क्लर्कों
और छोटे कर्मचारियों के बस में कहाँ है ऐसा महान पुण्यकर्म
उनके माता-पिता तो
उन्हीं के साथ,छोटे-छोटे घरों में
रहने को मजबूर हैं!

बड़े बड़े लोगों के माता-पिता
जी रहे हैं
अपनी बची-खुची ज़िन्दगी
अपने बच्चों के उपकार से बने
वृद्धाश्रमों में!

Language: Hindi
33 Views
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