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6 Sep 2021 · 1 min read

वीरान घर की दास्तान

है टूटी साइकिल घर के सामने
और दरवाज़ा भी टूट चुका है
लगता है कोई रहता नहीं है यहां
और वक्त भी इससे रूठ चुका है।।

रहती थी कभी खुशियां इसमें
गूंजती थी किलकारियां भी
लोग रहते थे जो यहां पर
थी उनमें भरी भावनाएं भी।।

था साया मां का इस घर पर
बच्चों को प्यार मिलता था
देखकर नटखट शरारतें बच्चों
की, सबका चेहरा खिलता था।।

फिर न जाने क्या हो गया था
हंसता खेलता घर बर्बाद हो गया था
हो जो भी वजह इसकी लेकिन
घर तो ये उसी दिन वीरान हो गया था।।

गूंजती थी इस घर में जो आवाजें
न जाने अचानक कहां खो गई थी
अब तो दीवारें भी इस घर की
देख इस वीराने को डर गई थी।।

जो मैं आया हूं आज यहां पर
हालत अच्छे नहीं दिख रहे
रहती थी रौनक जिनमें, आज
वो कमरे भी अब बिक रहे।।

खरीदार है इस घर के बहुत
पुरानी यादों को कोई खरीद न पायेगा
आएगा रहने इसमें जो अब
इस घर में वो ही नई यादें बनाएगा।।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 889 Views
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