वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई
झांसी की, इस रानी ने
साहस ,खूब दिखाया था ।
मार-मारकर, अंग्रेजो को
भारत से ,बाहर भगाया था ।।
मुट्ठी भर ,लोगों ने जब
भारत को ,गुलाम बनाया था ।
तब रानी झांसी ने उनको
साहस अपना दिखाया था ।।
युद्ध भूमि में , उस नारी ने
बच्चे को ,पीट बिठाया था ।
फिर लोहा , दुश्मन से लेकर
इतिहास में , नाम कमाया था ।।
घोड़े पर वह ,लड़ी बराबर
दुश्मन को ,मार गिराया था ।
नारी नहीं है ,अबला जग में
सबको ये ,पाठ पढ़ाया था ।।
कुर्बानी ,आसान नहीं होती
फिर भी ,शीश नवाया था ।
अच्छी बेटी, बहू ,मां बनकर
रिश्ता भी, खूब निभाया था ।।
कन्या को दो तुम, मान-सम्मान
सब को यह , पाठ पढ़ाया था ।
रोको भ्रुण हत्या को , तुम
रानी ने भी, यहीं सिखाया था ।।