Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2024 · 1 min read

विषय _ पुरूषों की जिंदगी

परिवार की खातिर परिवार से दूर होना पड़ता है
पुरुषों का तो हर लम्हा उनसे लड़ता है
सर्दी हो या गर्मी या हो कोई भी मौसम
इनको तो कमाने के लिए निकलना ही पड़ता है

कमाते हुए भी खुद के लिए खर्च नहीं करते
और बात आए परिवार की तो ये पीछे नहीं हटते
ना सुबह का नाश्ता सही से किया और ना ही दोपहर का खाना सही से खा पाते हैं
ये पुरुष तो सिर्फ अपनी भूमिका परिवार के लिए ही निभाते हैं

अपने किरदार को ये मेहनत से महकाते हैं
कठिन से कठिन हालातों में सब्र रखना सिखलाते हैं
आसान नहीं है पुरूषों की जिंदगी
ये सौ दर्द सहकर भी हंसते नज़र आते है।

रेखा खिंची ✍️✍️

Language: Hindi
1 Like · 10 Views

You may also like these posts

बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
Shweta Soni
भागमभाग( हिंदी गजल)
भागमभाग( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
परी छाया
परी छाया
C S Santoshi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
आवाज़
आवाज़
Adha Deshwal
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
पिता के जाने के बाद स्मृति में
पिता के जाने के बाद स्मृति में
मधुसूदन गौतम
* चान्दनी में मन *
* चान्दनी में मन *
surenderpal vaidya
पकड़कर हाथ छोटा बच्चा,
पकड़कर हाथ छोटा बच्चा,
P S Dhami
लोग   हमको   बुरा   समझते    हैं,
लोग हमको बुरा समझते हैं,
Dr fauzia Naseem shad
****स्वप्न सुनहरे****
****स्वप्न सुनहरे****
Kavita Chouhan
मंजिल का रास्ता आएगा।
मंजिल का रास्ता आएगा।
Kuldeep mishra (KD)
.........???
.........???
शेखर सिंह
Hey....!!
Hey....!!
पूर्वार्थ
"देखो"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन
बचपन
Nitin Kulkarni
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Dr Archana Gupta
4308.💐 *पूर्णिका* 💐
4308.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
Baldev Chauhan
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
sushil sarna
सत्य की खोज यानी अपने आप की खोज. जीवन का परम लक्ष्य
सत्य की खोज यानी अपने आप की खोज. जीवन का परम लक्ष्य
Dr B.R.Gupta
योद्धा
योद्धा
Kanchan Alok Malu
अब तो जागो हिंदुओ
अब तो जागो हिंदुओ
ललकार भारद्वाज
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
Dr. Man Mohan Krishna
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
😢आप ही बताएं😢
😢आप ही बताएं😢
*प्रणय*
मेरे सपने
मेरे सपने
MUSKAAN YADAV
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Minal Aggarwal
Loading...