Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2024 · 1 min read

विश्व पर्यावरण दिवस

आदमी यूं आजकल बरसाता जा रहा है कहर।
ये घरों के जंगल, नही रहे है कही भी ठहर।

कुदरत को दोष दे हमेशा,घर उजाङने का,
खुद कितने परिन्दो को,ये कर देता है बेघर।

भीषण गर्मी पडने लगे तो ऐ सी मे जा बैठे,
अरे पागल इसको रोकने का भी उपाय कर।

जंगल कटे हरे तो,कंकरीट का ज॔गल उगा ,
अब कैसे कहे इससे थोङी तो छाया तू कर।

कहीं बाढ,कहीं सूखा,झेले गर्मी और सर्दी तू,
अच्छा होता गर तू लेते,थोङे में ही सब्र कर।

इतने महल मत बना,कुछ जमीं भी तू ले बचा
मरने के बाद,मयस्सर कैसे होगी फिर कब्र।
सुरिंदर कौर।

Language: Hindi
1 Like · 81 Views
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

आप करते तो नखरे बहुत हैं
आप करते तो नखरे बहुत हैं
Dr Archana Gupta
'प्रेम पथ की शक्ति है'
'प्रेम पथ की शक्ति है'
हरिओम 'कोमल'
अवध स' आबू ने श्रीराम...
अवध स' आबू ने श्रीराम...
मनोज कर्ण
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
गीत- चले आओ मिले तुमसे...
आर.एस. 'प्रीतम'
" सोचता हूँ "
Dr. Kishan tandon kranti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#सामयिक_कविता:-
#सामयिक_कविता:-
*प्रणय*
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
जुगनू और आंसू: ज़िंदगी के दो नए अल्फाज़
जुगनू और आंसू: ज़िंदगी के दो नए अल्फाज़
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
I want to collaborate with my  lost pen,
I want to collaborate with my lost pen,
Sakshi Tripathi
पुरुष और स्त्री
पुरुष और स्त्री
पूर्वार्थ
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
भूल सकते थे आपको हम भी ,
भूल सकते थे आपको हम भी ,
Dr fauzia Naseem shad
The Enchanting Whistle Of The Train.
The Enchanting Whistle Of The Train.
Manisha Manjari
पिवजी
पिवजी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
STAY SINGLE
STAY SINGLE
Saransh Singh 'Priyam'
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुन्दरता
सुन्दरता
लक्ष्मी सिंह
* भीम लक्ष्य **
* भीम लक्ष्य **
भूरचन्द जयपाल
अब कहां पहले जैसा बचपन
अब कहां पहले जैसा बचपन
Seema gupta,Alwar
सरकार भरोसे क्या रहना
सरकार भरोसे क्या रहना
Shekhar Chandra Mitra
The Enemies
The Enemies
Otteri Selvakumar
ये मौसमी बहारें
ये मौसमी बहारें
Sarla Mehta
.......
.......
शेखर सिंह
बहुत याद आता है
बहुत याद आता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मौत से डर या अपनों से डर
मौत से डर या अपनों से डर
MEENU SHARMA
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...