विश्वास
विश्वास
दर्द जो मिलें तुझको
इस दौर में वे कम ना थे,
और दुख जो सहे मैने
वे भी कहाँ कम थे।
तोड़ कर हदें सारी
आपस में मिलना ही होगा,
इस तमस के दौर को
हमें जीतना ही होगा।
रात है अमावस की
कट ही जाएगी,
एक दिन जरूर चांद
पूनम का खिलाएगी।
वक्त है थोड़ा कठिन
इंसान जरा संभलकर,
जीतना है जंग हमें ही
विश्वास अपना अटल कर।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्यप्रदेश)
३ मई २०२१