Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

विवाह की 21वी वर्षगांठ

समय लगाके पंख उड़े हैं, यादें ही बस रह जाती हैं।
उन यादों में नोक झोंक और, खट्टी मीठी बातें रह जाती हैं।।
21 वर्ष तो बस ट्रेलर हैं ये, अभी तो पिक्चर रह जाती हैं।
प्राणप्रिये और प्रणेश्वरी तुम, प्राणप्रिय और प्राणनाथ मैं।।

समय लगाके पंख उड़े हैं, यादें ही बस रह जाती हैं।
कहने की ये बात नहीं हैं, कुछ बातें बस रह जाती हैं।।
मम्मा बॉय या गुलाम जोरू का, कहने को मैं सब हो जाता हूँ।
तालमेल जब करना हो तो, भोला भंडारी हो जाता हूँ।।

समय लगाके पंख उड़े हैं, यादें ही बस रह जाती हैं।
ललित अदा हैं मेरी देखो, मन्जू आँचल बन जाती हैं।।
मेरे वंश को बढ़ाके आगे, पितर ऋण से बचा जाती हैं।
आभारी हूँ सदा मैं तेरा, प्रेम का पाठ पढ़ा जाती हैं।।
समय लगाके पंख उड़े हैं…

1 Like · 74 Views
Books from ललकार भारद्वाज
View all

You may also like these posts

"दिल की बातें"
Dr. Kishan tandon kranti
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Behaviour of your relatives..
Behaviour of your relatives..
Suryash Gupta
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
मरूधर रा बाशिंदा हा
मरूधर रा बाशिंदा हा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इंसान
इंसान
meenu yadav
*
*"तुम प्रीत रूप हो माँ "*
Shashi kala vyas
बेवक्त बैठा
बेवक्त बैठा
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
अपनी मर्ज़ी
अपनी मर्ज़ी
Dr fauzia Naseem shad
होता अगर पैसा पास हमारे
होता अगर पैसा पास हमारे
gurudeenverma198
खरगोश
खरगोश
SHAMA PARVEEN
ब निगाहें करम मुस्कुरा दो तुम(नज़्म)
ब निगाहें करम मुस्कुरा दो तुम(नज़्म)
Dushyant Kumar Patel
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
Parvat Singh Rajput
दोेहे
दोेहे
Suryakant Dwivedi
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
पूर्णिमा का चाँद
पूर्णिमा का चाँद
Neeraj Agarwal
हिन्दी का मैं इश्कजादा
हिन्दी का मैं इश्कजादा
प्रेमदास वसु सुरेखा
😢गुस्ताख़ कौन?
😢गुस्ताख़ कौन?
*प्रणय*
*रंगों का कारोबार*
*रंगों का कारोबार*
Shashank Mishra
सैनिक का सावन
सैनिक का सावन
Dr.Pratibha Prakash
सड़क
सड़क
seema sharma
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
Phool gufran
4364.*पूर्णिका*
4364.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संचारी रोग दस्तक अभियान
संचारी रोग दस्तक अभियान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आधुनिक समय पर श्रीमद्भगवद्गीता की कर्मफल व्यवस्था : भागो नहीं अपितु लडो (Karmphal system of Srimad Bhagavad Gita in modern times: Do not run but fight)
आधुनिक समय पर श्रीमद्भगवद्गीता की कर्मफल व्यवस्था : भागो नहीं अपितु लडो (Karmphal system of Srimad Bhagavad Gita in modern times: Do not run but fight)
Acharya Shilak Ram
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
कलमकार का दर्द
कलमकार का दर्द
RAMESH SHARMA
*अब तो चले आना*
*अब तो चले आना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...