विचार
विचार
दिन के चौबीस घंटों में से किसी दूसरे के लिए एक क्षण के लिए किया गया समर्पण आपके मनुष्य जीवन को चरितार्थ करने के लिए काफी है l इसलिए जब भी आपको ऐसा सुअवसर प्राप्त हो तो बिना समय गंवाये इसका लाभ उठाएं l
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
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दिन के चौबीस घंटों में से किसी दूसरे के लिए एक क्षण के लिए किया गया समर्पण आपके मनुष्य जीवन को चरितार्थ करने के लिए काफी है l इसलिए जब भी आपको ऐसा सुअवसर प्राप्त हो तो बिना समय गंवाये इसका लाभ उठाएं l
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”