Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
23 Apr 2024 · 1 min read

दर्दों का कारवां (कविता)

दर्दों का करवां
साथ चलता ही रहा
आंखें नम हुई
दिल थम सा गया
अब इतना भी दर्द
न दे ऐ ज़िन्दगी
कि हिसाब भी
इसका कर न सकूं
कुछ दर्द देकर
इतराते हैं
कुछ दर्द देकर
हिम्मत बढ़ाते हैं
अब आदत भी अपनी
कुछ ऐसी हो गई है
जो दर्द में भी दर्द
सहती रही है
अब तो दे मुझमें
हिम्मत ऐ ज़िन्दगी
कि कर सकूं दर्द से
दर्द का हिसाब जिंदगी

Loading...