विचारों में भिन्नता हो सकती है !
विचारों में भिन्नता हो सकती है !
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इसमें कुछ भी , कहीं भी ग़लत नहीं है !
कि किसी मुद्दे पर आप जो भी सोचते हैं !
पर दूसरा व्यक्ति कुछ और ही सोचता है !
चाहे आपकी परिस्थितियाॅं जैसी भी हैं !
पर औरों की परिस्थिति कुछ और ही है !
इसीलिए विचारों में भिन्नता हो सकती है !!
हर व्यक्ति अलग-अलग पृष्ठभूमि के होते हैं !
जन्म उनके अलग-अलग परिवेश में होते हैं !
पालन – पोषण भी समान तरह के नहीं होते !
ज्ञान का स्रोत भी सबका एक जैसा नहीं होता !
जीवन के संघर्ष का तरीका भी अलग ही होता !
इसीलिए विचारों में उनकी भिन्नता हो सकती है !!
पारिवारिक माहौल भी सोच को प्रभावित करती है !
जैसे माहौल में हम जीते हैं वैसा ही नज़रिया होता है !
माता – पिता के संस्कार भी बाल – बच्चों पर पड़ते हैं !
उलझनों से सामना जब होता है तो भी सोच बदलते है!
अंततः सच ये है कि वक्त सबपे गहरा असर डालती है !
तो निश्चित ही सबके विचारों में भिन्नता हो सकती है !!
कभी-कभी तो लोग अपना हित साधने में लीन रहते !
और उसी अनुरूप ही अपने विचार भी बदलते रहते !
पर ये बातें कभी अपवाद के रूप में ही सामने आते !
मुख्यत: उपरोक्त सारी बातें ही इस हेतु जिम्मेदार होते !
हमें तो लगता कि पूर्व जन्म से भी प्रभावित विचार होते !
इसके इर्द-गिर्द ही सबके विचारों में भिन्नता हो जाती है !
या यूॅं कहें कि सबके विचारों में भिन्नता हो ही सकती है !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 25-07-2021.
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