वायु वीर
पवन सा वेग हौसले की उड़ान
आसमान का प्रहरी सीमाओं का जांबाज।।
हवाओं के बवंडर को अपनी
अपनी कश्ती हस्ती का मांझी
बना लेता शान।।
वक्त कितना भी मुश्किल हो
मंजिल चाहे कितनी भी कठिन हो
मकशद की मंजिल से पहले
विश्राम हराम।।
मकसद की मंजिल जब तक ना
हो अभिमान आसमां का सीना चीरता
बुलन्द जज्बे फौलाद इरादे का नाम।।
वायु में वायु से तेज आसमान की
ऊंचाई से आगे की उड़ान बाज़।।
राष्ट्र स्वाभिमान अस्मिता की दृढ़ चट्टान माँ भारती की औलाद ।।
पुरुषार्थ पराक्रम की प्रेरक प्रेरणा
परिभाषा वायु सैनिक सेना अलग
अन्दाज का शौर्य सूर्य प्रकाश।।
भरोसा विश्वाश धीरता बीरता का धन्य
धैर्य शौर्य गर्जना हुंकार।।
दुर्गम परिस्थितियों कठिन चुनौतियों से
टकराता लड़ता तोड़ता पल पल लड़ता
संग्राम।।
जंग का मैदान हो या शिकार पहाड़ चाहे अंतर्मन आसमान सिंह की दहाड़
विजय विजयी भाव भावना का ज्वार।।
रेगिस्तान हो या बर्फ़ीले पहाड़ शोला
समंदर हो या सैलाभः निडर निर्भीक
मकसद की मंजिल को बढ़ता बेबाक।।
वक्त को मोड़ राह अपनी खोज ले आकाश की गर्जना गूंज का महारथी
महान।।
भयंकर आमवस्या का अंधकार हो या
चाँद की प्रखर चाँदनी दिवस का प्रभा
हो मध्य हो संध्या जीने मरने विजय
वरण का प्रण प्राण।।
निश्चिन्त निश्चय निर्भय निर्बिकर
अहिर्निश संकल्प सिद्ध का महायज्ञ
अनुष्ठान।।
आराम हराम थकना हारना मृत्यु
पराजय समान वीरता विराटता की
थल से नभ का शौर्य शंखनाद।।
गगन की गरिमा गौरव गाथा का
लिखते वर्तमान स्वर्णिम इतिहास
विजयोल्लास रण भूमि के काल
कराल विकट विकराल।।
निष्कंटक साम्राज्य शिखर अविनि
आसमान की शान्ति युद्ध के योद्धा
पुरोधा आन बान सम्मान।।
नित नियत काल से टकराता बदलता
थल की थाती आसमान का बादशाह।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश