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3 Sep 2023 · 1 min read

वापस लौट आते हैं मेरे कदम

याद आती है मुझको,
उनकी और उसकी,
मुझसे बात करते हुए,
वही पुरानी तस्वीर और छवि,
प्यार से अपने पास मुझको बैठाते हुए,
मुझको अपने सीने से लगाकर,
मेरी परेशानी को दूर करते हुए,
अपने आशीर्वाद की मुझ पर वर्षा करते हुए,
और ईश्वर से मेरे लिए प्रार्थना करते हुए।

याद आती है मुझको,
उनकी और उसकी,
और देखना चाहता हूँ उनको फिर से,
तलाशता हूँ उस घर में उनको,
आवाज उनको देता हूँ,
रो देता हूँ खुद को अकेला पाकर,
जब वो नहीं आते मुझको नजर वहाँ,
जब नहीं देते हैं वो बातों का जवाब,
मेरे बुलाने पर मेरे पास नहीं आकर,
और कर देते हैं जब वो अनसुनी मेरी आवाज को।

याद आती है मुझको,
उनकी और उसकी,
लेकिन अब नहीं मुझमें वह ताकत,
कि खड़ा कर सकूं खुद को वहाँ,
अब उस दहलीज पर जाते ही,
वापस लौट आते हैं मेरे कदम,
अब अनजान किसी रास्ते में,
उनसे मिलने और बात करने के लिए,
जो जा चुके हैं मुझसे बहुत दूर।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
444 Views

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