Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2021 · 1 min read

वह याद आया

कल फिर वह याद आया हमें बड़ी सिद्दतों से |
वैसे तो इंतजार है हमें उनका बड़ी मुद्दतों से ||1||

अन्देशों की गुंजाइश ना थी हमें अपनी जिंदगी में |
क्योंकि पाया था हमने उनको बड़ी मन्नतो से ||2||

इक जानी अनजानी सी कमी है जिंदगी में मेरी |
वैसे तो खुदा ने नवाजा है हमें बड़ी रहमतों से ||3||

पहचान ना सकोगे मेरे गमों को तुम किसी भी नजर से |
मुस्कुराने का यह हुनर मैंने सीखा है बड़ी मेहनतों से ||4||

अब तो मुफलिसी मे जीने का तरीका आ गया है हमें |
क्योंकि पिछला कुछ वक्त गुजरा है मेरा बड़ी दिक्कतों से ||5||

कोई भी माल-ओ-जर उनके ईमान को डिगा सकता नहीं |
मुझे पता है वो मुसलमाँ हुए हैं बड़ी मुश्किलों से ||6||

कभी हुआ करते थे जो शहंशाह अपने वतन के |
आज दो वक्त की रोटी भी नसीब होती है उन्हें बड़ी जिल्लतों से ||7||

पा लेगा तू इस जहां में सब कुछ खुदा के करम से |
मां-बाप ने गर दुआ कर दी खुश होकर तेरी खिदमतों से ||8||

ताज मोहम्मद
लखनऊ

259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
ख़ुदा करे ये क़यामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये क़यामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
MEENU SHARMA
23/60.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/60.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच्चा चौकीदार
सच्चा चौकीदार
RAMESH SHARMA
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
जुदाई
जुदाई
Davina Amar Thakral
मुस्कराओ तो फूलों की तरह
मुस्कराओ तो फूलों की तरह
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तरकीब
तरकीब
Sudhir srivastava
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Neeraj Agarwal
sp121 ढोलक
sp121 ढोलक
Manoj Shrivastava
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
তারিখ
তারিখ
Otteri Selvakumar
आस बची है थोड़ी, पूरा निराश नही हुँ ,
आस बची है थोड़ी, पूरा निराश नही हुँ ,
पूर्वार्थ
........,!
........,!
शेखर सिंह
एक ग़ज़ल
एक ग़ज़ल
Kshma Urmila
ख़ामोशी फिर चीख़ पड़ी थी
ख़ामोशी फिर चीख़ पड़ी थी
अरशद रसूल बदायूंनी
उम्मीदें  लगाना  छोड़  दो...
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
#काश-
#काश-
*प्रणय*
प्रेम की परिभाषा
प्रेम की परिभाषा
himanshii chaturvedi
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खो गए वो दिन पुराने
खो गए वो दिन पुराने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
" गच्चा "
Dr. Kishan tandon kranti
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
मंथन
मंथन
Ashwini sharma
*अर्चन स्वीकार करो हे शिव, बारिश का जल मैं लाया हूॅं (राधेश्
*अर्चन स्वीकार करो हे शिव, बारिश का जल मैं लाया हूॅं (राधेश्
Ravi Prakash
सुनो जरा कविता कुछ कहती है
सुनो जरा कविता कुछ कहती है
श्रीकृष्ण शुक्ल
Loading...