Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2021 · 1 min read

वह काठ का बना एक पुतला

वह काठ का बना
एक पुतला है
बिना भाव भंगिमाओं का
वह यही रूप धारण करे
रहता है जब
दूसरों की बारी आती है
जब खुद का स्वार्थ होता है
वह रबड़ की एक गेंद की
तरह उछलकर सीधे
क्षमा याचना करता हुआ
अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए
व्यक्ति विशेष के
पांव में गिर जाता है
मोम की तरह ऐसे पिघलने
लगता है कि जैसे कभी
यह काठ का बना ही नहीं था।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
"सहारा"
Dr. Kishan tandon kranti
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
💐प्रेम कौतुक-408💐
💐प्रेम कौतुक-408💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्रिकेट
क्रिकेट
SHAMA PARVEEN
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आ रे बादल काले बादल
आ रे बादल काले बादल
goutam shaw
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
Shashi kala vyas
"मैं न चाहता हार बनू मैं
Shubham Pandey (S P)
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
Vaishaligoel
दूर क्षितिज तक जाना है
दूर क्षितिज तक जाना है
Neerja Sharma
हल
हल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
■ आज की बात।
■ आज की बात।
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
Shyam Pandey
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
Dr fauzia Naseem shad
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
*चिकित्सक (कुंडलिया)*
*चिकित्सक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मान भी जाओ
मान भी जाओ
Mahesh Tiwari 'Ayan'
एक दिन
एक दिन
Harish Chandra Pande
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
घड़ी घड़ी ये घड़ी
घड़ी घड़ी ये घड़ी
Satish Srijan
Loading...