Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

वसुंधरा की पीड़ा हरिए —

वसुन्धरा की पीड़ा हरिए —
काव्य गीत सृजन–

**********************************

दग्ध हुआ धरती का आँचल, वसुंधरा की पीड़ा हरिए।
सावधान हो जाओ मानव,जननी को मत मैला करिए।
क्रंदन करता है अन्तर्मन, भू दोहन इतना मत करिए।
सावधान हो जाओ मानव,जननी को मत मैला करिए।

भारत की भू अवतारी है,संतों का अमिट वरदान है।
डटे रहते कर्तव्य पथ पर, काम का उनके यशगान है।
आम गिलोय आवँला तुलसी,औषध वृक्ष का रोपण करिए।
सावधान हो जाओ मानव,जननी को मत मैला करिए।

अन्न धन हीरे मोती सभी, अचला माता से मिलते हैं।
वृक्ष सदा से प्राण धरणी के, पर्यावरण संतुलन करते हैं।
हरितमा से हरी-भरी रहे, वृक्षों का वर्धन,सिंचन करिए।
सावधान हो जाओ मानव,जननी को मत मैला करिए।

धानी चूनर ओढ़े धरती, फूलों से सज मुस्काती है।
धरित्री के दोहन से कितने,संकट बीमारी आती है।
अवनि मात क्यों रहती प्यासी,ताल तड़ाग,तलैया भरिए।
सावधान हो जाओ मानव, जननी को मत मैला करिए।

✍️ सीमा गर्ग मंजरी
मौलिक सृजन
मेरठ कैंट उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपने दिल की बात कहना  सबका हक होता है ,
अपने दिल की बात कहना सबका हक होता है ,
Manju sagar
मत कर
मत कर
Surinder blackpen
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
वृक्ष किसी को
वृक्ष किसी को
DrLakshman Jha Parimal
हिंदी क्या है
हिंदी क्या है
Ravi Shukla
ईमानदारी
ईमानदारी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
याचना
याचना
Suryakant Dwivedi
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
*अभिनंदनों के गीत जिनके, मंच पर सब गा रहे (हिंदी गजल/गीतिका)
*अभिनंदनों के गीत जिनके, मंच पर सब गा रहे (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Parveen Thakur
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
कवि दीपक बवेजा
उम्मींदें तेरी हमसे
उम्मींदें तेरी हमसे
Dr fauzia Naseem shad
दोहा
दोहा
Dinesh Kumar Gangwar
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
दोस्ती एक गुलाब की तरह हुआ करती है
दोस्ती एक गुलाब की तरह हुआ करती है
शेखर सिंह
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
फूल
फूल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विश्व गुरु भारत का तिरंगा, विश्व पटल लहराएगा।
विश्व गुरु भारत का तिरंगा, विश्व पटल लहराएगा।
Neelam Sharma
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहुत सी बातें है, जो लड़के अपने घरवालों को स्पष्ट रूप से कभी
बहुत सी बातें है, जो लड़के अपने घरवालों को स्पष्ट रूप से कभी
पूर्वार्थ
होठों को रख कर मौन
होठों को रख कर मौन
हिमांशु Kulshrestha
2913.*पूर्णिका*
2913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रुख के दुख
रुख के दुख
Santosh kumar Miri
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...